पुस्तक विवरण
रेव. टकर ने पश्चाताप के उपेक्षित, लेकिन अत्यंत आवश्यक विषय पर एक अध्ययन लिखा है।
अक्सर पश्चाताप को केवल आरंभिक उद्धार अनुभव के समय ही आवश्यक माना जाता है। परंतु,
रेव. टकर दिखाते हैं कि यदि मसीहियों को अपने जीवन के लिए परमेश्वर के पूर्ण उद्देश्य में परिपक्व
होना है, तो उन्हें पवित्र आत्मा को उन क्षेत्रों को प्रकट करने की अनुमति देनी चाहिए जिनमें परिवर्तन
की आवश्यकता है और उनकी अगुवाई का प्रत्युतर देना चाहिए। पवित्र आत्मा का यह कार्य
परमेश्वर के लोगों को बदल देगा ताकि वे उसकी छवि में परिवर्तित होने की अद्भुत
स्वतंत्रता और आनंद में प्रवेश कर सकें!
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